मनरेगा योजना में बड़ी अपडेट: जॉब कार्ड ब्लॉक होने की संभावनाएँ
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कार्यरत है। हालांकि, हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने उन मजदूरों के जॉब कार्ड ब्लॉक करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने पिछले वर्ष में काम की मांग किये बिना अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।
जॉब कार्ड ब्लॉक होने का कारण
- मनरेगा में लाखों मजदूर पंजीकृत हैं, परंतु उनमें से बहुत से मजदूरों ने 2023 में एक भी दिन काम की मांग नहीं की। जैसे गाजीपुर जिले में, जहां कुल 3.86 लाख जॉब कार्ड धारक हैं, उनमें से मात्र 46 हजार मजदूरों ने ही 100 दिन का काम किया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अधिकांश मजदूरों ने अपनी नौकरी की तलाश नहीं की है।
- कोरोना महामारी के दौरान कई मजदूरों ने अपने गांव लौटकर मनरेगा योजना से लाभ उठाया। लेकिन अब जब स्थिति में सुधार हुआ है, तो वे फिर से शहरों या अन्य राज्यों में नौकरी की तलाश में जा रहे हैं, जिसके कारण उन्होंने मनरेगा के तहत काम की मांग नहीं की।
सत्यापन की प्रक्रिया
सरकारी अधिकारियों द्वारा ब्लॉक स्तर पर व्यवस्थित सत्यापन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि कौन से मजदूरों ने पिछले वर्ष काम की मांग की और कौन से नहीं। जो मजदूर अन्य राज्यों में चले गए हैं या जिन्होंने काम की मांग नहीं की है, उनके जॉब कार्ड को ब्लॉक किया जाएगा। यह कदम उन मजदूरों को प्राथमिकता देने के लिए लिया जाएगा जिन्हें वास्तव में काम की आवश्यकता है।
जॉब कार्ड ब्लॉक होने के प्रभाव
- जब किसी मजदूर का जॉब कार्ड ब्लॉक हो जाएगा, तो वह मनरेगा योजना के तहत किसी भी प्रकार का काम नहीं कर सकेगा, जिससे उसे इस योजना के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा।
- इसलिए यह अत्यंत आवश्यक है कि पंजीकृत मजदूर नियमित समय पर काम की मांग करें, ताकि उनका जॉब कार्ड सक्रिय बना रहे।
मनरेगा योजना में कार्य
मनरेगा योजना के तहत विभिन्न प्रकार के कार्य किए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सड़क निर्माण
- नहरों का निर्माण
- तालाबों की खुदाई
- भूमि विकास
- सूखा राहत
- बाढ़ नियंत्रण जबकि मजदूरों को निर्धारित मजदूरी पर काम दिया जाता है।
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मनरेगा योजना की मुख्य विशेषताएं
- आवेदकों को उनके निवास स्थान के 5 किलोमीटर के दायरे में रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।
- यदि किसी मजदूर को आवेदन करने के 15 दिनों के भीतर काम नहीं मिलता है, तो उसे बेरोजगारी भत्ता मिलता है।
- योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी को कम करना और स्थायी रोजगार के साधनों को प्रदान करना है।
इस प्रकार, मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड ब्लॉक होने की प्रक्रिया उन मजदूरों के लिए एक सावधानी का संकेत है, जो सक्रिय रूप से काम की मांग नहीं कर रहे हैं। मजदूरों को चाहिए कि वे समय-समय पर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अपनी सक्रियता बनाए रखें।