GDS Post 2024

GDS Post 2024 फर्जीवाड़ा में 95% बच्चे रिजेक्ट अब आपका नाम आना पक्का।

GDS Post 2024 कैसे हो आप सब? आशा करता हूं कि आप सभी ठीक होंगे और हमेशा ठीक रहेंगे। जिस प्रकार से जीडीएस का रिजल्ट जारी हुआ है, उसमें ढेर सारे बच्चे कहीं ना कहीं इस रिजल्ट से बाहर हो चुके हैं।

जीडीएस की भर्ती और परिणाम

इस बार 68 लाख युवाओं ने जीडीएस के फॉर्म अप्लाई किए हैं, क्योंकि इसमें कोई परीक्षा नहीं होती। बिना परीक्षा 10वीं पास एक सरकारी नौकरी मिलेगी। चलिए दोस्तों, बिना समय गंवाए आपके काम की बातें करते हैं।भारतीय डाक विभाग के अंदर जीडीएस के पद पर 4422 भर्ती आई है। जीडीएस की पहली मेरिट लिस्ट 21 सर्किल की जारी हुई है, लेकिन हरियाणा और जम्मू-कश्मीर की लिस्ट अभी तक नहीं आई है, जिसकी वजह विधानसभा चुनाव और आचार संहिता है।

मेरिट लिस्ट की महत्वपूर्ण जानकारी

पहली लिस्ट में 43408 बच्चों का चयन हुआ है, जिनमें 22008 बच्चे अदर लैंग्वेज सर्किल के हैं। वहीं, 21400 बच्चे हिंदी वासी सर्किल से हैं, जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि। अदर लैंग्वेज वाले स्टूडेंट्स का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन 3 सितंबर तक चलेगा।

फर्जी कैंडिडेट्स का मुद्दा

हालात ये हैं कि हिंदी भाषी सर्किल में से 95% बच्चे फर्जी हैं। यानी, 21400 में से केवल 1070 बच्चे ही रियल हैं। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए जाने वाले 20033 फर्जी कैंडिडेट्स हैं। इससे साफ है कि काफी संख्या में आवेदन फर्जी हैं।

कोरोना काल का प्रभाव

कोरोना काल के दौरान पास हुए प्रमोटेड बच्चों की संख्या भी एक बड़ा मुद्दा है। पिछले तीन सालों में जीडीएस की कई भर्तियां आई हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में 100% वाले बच्चे पहली मेरिट लिस्ट में आना सीधे तौर पर फर्जीवाड़े को दर्शाता है।

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आपकी महत्वाकांक्षाएँ

आप सभी से अनुरोध है कि अगर आपकी मेहनत और वास्तविकता है, तो डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में भाग लें। फर्जी कैंडिडेट्स को पकड़ने के लिए बेहतर संसाधनों की आवश्यकता है। हमारी अपेक्षा है कि डाक विभाग को 10वीं की मार्कशीट को स्कैन करने की प्रक्रिया को लागू करना चाहिए ताकि फर्जीवाड़ा खत्म हो सके।

आगे का रास्ता

अगली लिस्ट में भी कई कैंडिडेट्स के फर्जी होने की संभावनाएँ हैं। जैसे-जैसे लिस्ट आगे बढ़ेगी, फर्जी कैंडिडेट्स बाहर होते जाएंगे और असली कैंडिडेट्स को सफलता मिलेगी। इसलिए, धैर्य रखें और अपनी मेहनत पर विश्वास रखें। इस प्रक्रिया में धैर्य रखना आवश्यक है। कई सीखी गई बातें हमें यह बताती हैं कि मेहनत का फल मीठा होता है। आप सभी से अपील है कि आप सच के साथ खड़े रहें और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहें।

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